मॉड्यूल 4 गतिविधि 2: जेंडर का मीडिया चित्रण का विश्लेषण

 मॉड्यूल 4

गतिविधि  2: जेंडर का मीडिया चित्रण का विश्लेषण


एक ऐसे विज्ञापन के बारे में सोचें जो जेंडर संबंधी रूढ़ियों को मजबूत करता है और एक अन्य विज्ञापन जो जेंडर के अनुकूल है। आप विज्ञापन वीडियो के लिंक को कॉपी और पेस्ट कर सकते हैं।


चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।


Comments

  1. Help of phone, whatsapp,on line, massage and other activities

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    1. सब एक समान है ।रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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    2. We should aware society and parents

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    3. We should be broadminded towards woman.

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  3. We should aware of the society and parents

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  4. With the help by internet and other useful technical experiment

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  5. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  6. Through the digital mediums we should spread awareness about this.

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  7. We should try to change the mentality of our society.

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  8. https://youtu.be/6_FIPOkczio

    https://www.youtube.com/watch?v=1NDnRifhoaQ&feature=emb_rel_end

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  9. We should spread awareness about it

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  10. Replies
    1. All ads related to bravery are acted by male models and the products related to fairness and beauty acted by females.

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  11. With the help by internet and other useful technical experiment

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  12. We should aware of the society and parents

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  13. Help of phone, whatsapp,on line, massage and other activities

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  14. We should try to change the mentality of our society.

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  15. With the help of internet or other network devices.

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  16. with the help of phone and other network device and intrest

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  17. Through the digital mediums we should spread awareness about this

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  18. सौंदर्य प्रसाथनो पर महिलाओं तथा शराब के विज्ञापन पर अक्सर पुरुषों को। दिखाया जाता है ।

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  19. हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक वह बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  20. Every act of bravery shown on TV or any media depicts only men as there are hardly any advertisement which shows women

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  21. अधिकतर सभी एडवर्टाइजमेंट में महिलाओं को खाना बनाने वाली या साफ सफाई करने वाली में भी दिखाया जाता है यह एक गलत सोच है जो यह दर्शाता है कि यह काम सिर्फ महिलाओं का है

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  22. Girls and Boys both showed in Aeroplane pilot vaccine.

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  23. We see all girl admission in government school but boys goes to private school.

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  24. लिंग के आधार पर समाज की सोच मे परिवर्तन की जरूरत है।

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  25. अधिकतर विज्ञापन स्त्री शरीर केंद्रित होते हैं क्योंकि आज भी हम अपनी मानसिकता को नहीं बदल पाए अनेक विज्ञापन आपको मिल जाएंगे जैसे साबुन, लोशन क्रीम व कामुक मुद्रा में दिखाया जाना आदि हमारी रूढ़िवादी सोच को मजबूत करते हैं । जेंडरअनुकूल विज्ञापन फोन, सिम आदि केउदाहरण हैं।

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  26. It creates gender discremunation

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  27. Gender unequally ko khtm krne ke leya hme khus se suruat krni hogi

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  28. साबुन का विज्ञापन तथा शिक्षण संस्थान का विज्ञापन।

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  29. There are various advertisements which stereotypes gender like depicting women for some specific household or orthodox works which can be done by men too and vice a
    versa too.Amd there are some commercials which spread gender equality and neutrality.

    Link of Advertisements showing gender neutrality - https://youtu.be/MzYYUGnmqLA


    Advertisement which are showing stereotypes -
    https://youtu.be/NGdjpZpb8wI

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  30. अधिकतर विज्ञापन स्त्री शरीर केंद्रित होते हैं क्योंकि आज भी हम अपनी मानसिकता को नहीं बदल पाए अनेक विज्ञापन आपको मिल जाएंगे जैसे साबुन, लोशन क्रीम व कामुक मुद्रा में दिखाया जाना आदि हमारी रूढ़िवादी सोच को मजबूत करते हैं । जेंडरअनुकूल विज्ञापन फोन, सिम आदि केउदाहरण हैं।

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  31. लड़का व लड़की दोनों समान ही होने चाहिए

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  32. In advertisement of utensil soaps, A female is shown in kitchen and washing the utensils but not a male. This should not be shown as it creates a mindset in people that female are for doing household works.

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  33. अधिकतर सभी एडवर्टाइजमेंट में महिलाओं को खाना बनाने वाली या साफ सफाई करने वाली में भी दिखाया जाता है यह एक गलत सोच है जो यह दर्शाता है कि यह काम सिर्फ महिलाओं का है। हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक व बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  34. Biases are spread through digital media depicting women as weak while men as strong.It is wrong.

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  35. मेरे ख्याल से जितने भी cosmetic brands के विज्ञापन है वो जेंडर सम्बंधी रूढ़ियों को और मजबूत करते हैैं। हां मुझे मेरे बचपन में देखा गया एक हेल्थ ड्रिंक का विज्ञापन याद आता है, जहां लड़का और लड़की दोनों बास्केट बाल खेल रहे हैं। और इसमें उन्हें लड़का या लड़की नहीं कहा गया बल्कि इस की टैगलाइन थी "ये है बढ़ता बच्चा" मुझे लगता है कि ये विज्ञापन जेंडर सम्बंधी रूढ़ियों के विरूद्ध है।

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  36. Media ads on women empowerment strengthen gender equality and change the mindset of the people. On the other hand, ads which discriminate based on gender do the opposite.

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  37. Adhiktar add me ladies ko Rasoi or Ghar ka Kam Krte hue dikhaya jata h lekin gents ko bhaduri ke add me dikhaya jata h. Jo ki rudiwadi awdharna par adharit h. Or galt bhi h.

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  38. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  39. शिक्षको को इस तरह के जेंडर आधारित उदाहरण सहित प्रयोग लड़को और लड़कियों को बताना समझना और उनकी राय लेना तथा उनकी सोच को सही दिशा में विकसित करना चाहिये।

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  40. All ads related to bravery are acted by male models and the products related to fairness and beauty acted by female🙂

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  41. अधिकतर एडवर्टाइजमेंट में महिलाओं को रसोई से संबंधित दिखाया जाता है यह एक गलत सोच है जो यह दर्शाता है कि यह काम सिर्फ महिलाओं का है। बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है । जो कि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता। हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए। हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक व बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  42. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  43. जेंडर के आधार पर समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। अधिकतर विज्ञापन स्त्री केंद्रित होते हैं जैसे साबुन,शैम्पू आदि के।

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  44. जेंडर संबंधी रुढ़िया अब भी हमारे समाज में विद्यमान है। एक अध्यापिका होने के नाते यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इस रूढ़िवादी विचार धारा में परिवर्तन लाए और इस कार्य की शुरुआत अपने विद्यालय से ही शुरू करे।
    जेंडर संबंधी रुढ़ियो को मजबूत करता विज्ञापन -https://youtu.be/Rg9W64OieRc
    जेंडर के अनूकूल विज्ञापन
    https://youtu.be/SdAozqVShyo
    Renuka Kapoor Jbt
    GPS Gobindpuri YNR

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  45. Help through internet

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  46. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए।

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  47. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए।

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  48. We should give our hundred percent to bring a change in mind of society regarding this

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  49. अधिकतर विज्ञापन स्त्री शरीर केंद्रित होते हैं क्योंकि आज भी हम अपनी मानसिकता को नहीं बदल पाए

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  50. Television is a mirror of society. And the orthodox gender stereotype is very much visible on television and advertisements are also following the chain. There are many advertisements which stereotypes gender like depicting women for some specific household or orthodox works which can be done by men too and vice versa too. Amid there are some commercials which spread gender equality and neutrality. Link for gender neutrality https://youtu.be/MzYYUGnmqLA
    Link for gender stereotype https://youtu.be/NGdjpZpb8wl

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  51. Gender ke Aadhar par samaj ki soch mein badlav laane ki avashyakta hai

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  52. हमें समाज की सोच में बदलाव लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए |

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  53. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सौन्दर्य प्रसाधनों में लड़कियों को दिखाया जाता है जबकि किसी खतरनाक कार्य मे लड़कों को। जोकि गलत है। तकनीकी शिक्षा के द्वारा लोगों को जागरूक करके इसे दूर किया जा सकता है।

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  54. इन रूढ़ियों से छुटकारा पाने के लिए हमें बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षित करना होगा शिक्षा के माध्यम से ही इन कुरीतियों से पीछा छूट सकता है

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    1. हमें समाज को जाग्रत करना होगा। समाज को जाग्रत करने के लिए अध्यापक बहुत अच्छी भूमिका निभा सकता है।

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  55. जेंडर के आधार पर समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। अधिकतर विज्ञापन स्त्री केंद्रित होते हैं जैसे साबुन,शैम्पू आदि के।

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  56. We should help them to improve their skills and will power

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  57. अक्सर लोग बहादुरी के किस्से सुनाते समय आदमी का नाम लेते हैं और अगर टेलीविजन पर रसोई का विज्ञापन देखें तो केवल महिला दिखाई देती है इस रूढ़िवादी परम्परा को केवल शिक्षा से ही बदल जा सकता है

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  58. तकनीकी शिक्षा के द्वारा लोगों को जागरूक करके इसे दूर किया जा सकता है। अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए।इन रूढ़ियों से छुटकारा पाने के लिए हमें बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षित करना होगा शिक्षा के माध्यम से ही इन कुरीतियों से पीछा छूट सकता है

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  59. Samaj ko apni Soch badlani Chahiye.

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  60. इन रूढ़ियों से छुटकारा पाने के लिए हमें समाज को जागृत करना होगा

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  61. शिक्षा द्वारा लोगों को जागरूक किया जा सकता है।

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  62. आजकल जो विज्ञापन हो रहे है वो भी समाज के लिए घातक है।

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  63. हमें जेंडर संबंधित अवधारणा के रूढ़िवादिता को समाप्त करना होगा जैसे हम देखते हैं कि आज के युग में लड़कियां ,लड़कों के बराबर काम करती है चाहे वह बिजनेस और नौकरी हो या दुकान इसलिए शिक्षक होने के नाते हमें बच्चों में शुरू से ही यह सर्जित करना होगा कि लड़के और लड़कियों में कोई फर्क नहीं है। जो चाहे वह काम दोनों कर सकते हैं।

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  64. Through the digital mediums we should spread awareness about this.

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  65. हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक वह बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  66. सामाजिक जागरूकता जरूरी है और तकनीकी शिक्षा के द्वारा ऐसे दूर किया जा सकता है।

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  67. जेंडर के आधार पर समाज की सोच को बदलना होगा। जिसमे शिक्षक की भूमिका अहम् है।

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  68. जेंडर आधारित रूढ़ियों को बदलने के लिए समाज मे जागृति लाना आवश्यक है

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  69. हमें समाज की सोच में बदलाव लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए |

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  70. In most of cosmetics advertisements female models are there, which is not correct.
    But in Harpic toilet cleaner ad, now Akshay kumar and earlier Hussain was model...good one against gender bias.

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  71. मानसिकता को बदलने की जरूरत है

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  72. ये रूढ़ि वादी विचारो को छोड़ कर लङका लङकी को एक समान समझे । समाज को जागरूक करके हम अपनें देश को आगे बढ़ा सकते हैं।

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  73. हमे समाज की सोच में बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए

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  74. We should treat both girls and boys equally and provide equal opportunity

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  75. अधिकतर विज्ञापन अधिकतर विज्ञापन महिलाओं के खूबसूरती बढ़ाने के प्रोडक्ट के लिए होते हैं रसोई से संबंधित होते हैं एडवेंचर कार्य का कोई भी एडवर्टाइजमेंट नहीं होती

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  76. हमें समाज की मानसिकता को बदलने की जरूरत है।

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  77. अधिकतर सभी एडवर्टाइजमेंट में महिलाओं को खाना बनाने वाली या साफ सफाई करने वाली में भी दिखाया जाता है यह एक गलत सोच है जो यह दर्शाता है कि यह काम सिर्फ महिलाओं का है। हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक व बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  78. लिंग के आधार पर सामाज की सोच मे परिवर्तन जरूरी है।

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  79. हमें जेंडर के आधार पर धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  80. हम अक्सर देखते हैं की मीडिया के बहादुरी से संबंधित वीडियो में अक्सर पुरुषों को ही दिखाया जाता है जैसे चवनप्राश खाते हुए केवल पुरुष को दिखाया जाता है जबकि महिला भी तो बहादुर हो सकती है फौजी के रूप में केवल पुरुषों को दिखाया जाता है जबकि महिलाएं भी फौज में जाने लग गई है साबुन के विज्ञापन के अंदर महिला दिखाया जाता है जबकि पुरुष भी उसका प्रयोग करते हैं जेंडर वेश अवधारणा गलत है





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  81. सब एक समान है ।रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  82. जेंडर के आधार पर समाज की सोच अभी भी रूढ़िवादी है। यही कारण है कि विज्ञापनों में आज भी जेंडर के आधार पर ही विज्ञापन दिए जाते है। अभी टीवी पर Baby wipes का विज्ञापन देखने को मिला जो ये सोचने पर मजबूर करता है कि क्या बच्चों की सम्भाल सिर्फ औरत ही कर सकती है। जब तक समाज की सोच में बदलाव नहीं आएगा जेंडर के अन्तर को समाप्त करना नामुमकिन है।

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  83. तकनीक से संबंधित जो भी वीडियो आते हैं उसमें महिला एवं पुरुष को एक समान दिखाया जाता है। जो कि यह दर्शाता है कि महिला एवं पुरुष एक समान है। जबकि हमारे पुराने रूढ़िवादी जो ऐड टीवी पर दिखाए जाते हैं उसमें आज भी महिला एवं पुरुष के लिए अलग-अलग विज्ञापन दिखाए जाते। जो कि गलत है।

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  84. सबसे पहले हमें पुरुषों की सोच बदलनी पड़ेगी उन्हें ही बताना होगा कि कि महिलाएं भी उनके सामान है क्योंकि जो पुरुष महिलाओं पर अत्याचार करते हैं

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  85. जेंडर संबंधित अवधारणा के रूढ़िवादिता को समाप्त करना होगा जैसे हम देखते हैं कि आज के युग में लड़कियां ,लड़कों के बराबर काम करती है चाहे वह बिजनेस और नौकरी हो या दुकान इसलिए शिक्षक होने के नाते हमें बच्चों में शुरू से ही यह सर्जित करना होगा कि लड़के और लड़कियों में कोई फर्क नहीं है। जो चाहे वह काम दोनों कर सकते हैं।

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  86. सबसे पहले हमें पुरुषों की सोच बदलनी पड़ेगी उन्हें ही बताना होगा कि कि महिलाएं भी उनके सामान है क्योंकि जो पुरुष महिलाओं पर अत्याचार करते हैं

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  87. कोई अंतर नहीं है। जैसे मेरा बेटा फाइटर पॉयलेट है वैसे ही अवनी भी है।

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  88. खेल कूद के विज्ञापन में लडके, रसोई, घरेलू उत्पाद, काम केवल लड़की ही करती दिखाई देती हैं ।इसको लेकर काम करने की आवश्यकता है ।

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  89. सबसे पहले हमें पुरुषों की सोच बदलनी पड़ेगी उन्हें ही बताना होगा कि कि महिलाएं भी उनके सामान है क्योंकि जो पुरुष महिलाओं पर अत्याचार करते हैं

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  90. https://youtu.be/SlDj4WwRzXw
    This add shows only man can face thrill. This is not good for gender equality.
    https://youtu.be/ntEYYw_sI-M.
    This add shows not only women can cook food but man can cook also.

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  91. Females are always shown in matters related to kitchen.

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  92. सोच बदलने की जरूरत है

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  93. लड़का व लडक़ी में कोई भेद भाव नहीं होना चाहिए।

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  94. Kinder joy is a chocolate product, which is currently famous among children. In the advertisement for this product, they show a pink kinder joy package for the girl and a blue one for the boy. Moreover, the gifts opened by the girl are generally barbie dolls, rings, kitchen related kits, sewing machines, and others which are considered to be enjoyed by girls only. And for boys, they put gifts like cars, superheroes, airplanes, transformers, and so on.

    These ads exploit the idea that colour preferences should be gender-based. If a boy happens to like the colour pink, he will be teased. They try to imply that girls should play with Barbie dolls and kitchen kits because they are supposed to do that in the future, whereas boys are entitled to be free and drive around and are strong and powerful like superheroes.
    Most of the advertisements related to cars or automobiles feature only men as drivers. Implying a car is something which is only meant for men, and that they are the target audience is again a stereotype. A woman is hardly seen driving in an advertisement. Why? Can’t women drive? Can’t they buy a car?
    Home-appliance ads like those of refrigerators, washing machines, mixture grinders, exhibit only females to be the consumers. This conveys the message that women are meant to be in the kitchen and do all those chores. Even if there are men in some ads, they never seem to use the products. They are mostly seen standing with their wives, who are the ones using those appliances. This gives a stereotypical message to the audience that, yes females are made for this and males are meant for that. Link showing this is :
    https://youtu.be/V6F2szDteSI
    Now some adds are breaking the stereotypes. Best examples are
    Titan Raga celebrated the ‘Woman of today’ in this empowering advertisement.

    They showed us a strong and independent woman who is capable of making her own life choices. She has aspirations and is not afraid to take control of her life in her hands.

    It is really interesting to see how they have depicted a high-spirited woman with an aura of sensuality wrapped around her.
    Ford ad has a subtle undertone of feminism which we don’t often get to see in Indian ads.

    The woman here, Kalki, shows that she loves Raksha Bandhan and also tells us that she is capable of looking after herself and her safety.

    The ad beautifully portrays that a modern day woman doesn't just depend on her brother but also takes the wheels in her own hands with a dependable safe car like Ford EcoSport.

    Do you remember Havell's 'Hawa Badlegi' advertisement?

    A couple sitting at a registrar's office, with the husband taking the wife's last name and making the official do a double take.

    A brilliant yet simple take to break the gender stereotype.
    Links are https://youtu.be/r4Ix2_-_-sg
    https://youtu.be/zXRobOjVI9s
    https://youtu.be/GJzE96tk7nM

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  95. जेंडर आधारित अंतर को समाप्त करने के लिए या कम करने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है इसके द्वारा हमें लोगों की सोच को बदलना होगा

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  96. पुरुष और महिलाओं में कोई अंतर नहीं है। केवल पुरुषों की सोच ही ऐसी है। पुरुषों की सोच बदलनी पड़ेगी।

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  97. जेंडर आधारित अंतर को समाप्त करने के लिए या कम करने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है इसके द्वारा हमें लोगों की सोच को बदलना होगा

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  98. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  99. जेंडर आधारित अंतर को समाप्त करने के लिए या कम करने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है इसके द्वारा हमें लोगों की सोच को बदलना होगा

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  100. लड़की वह लड़के में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

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  101. ऐसी धारणाएं अक्सर हम देखते हैं की बहादुरी से संबंधित कोई भी वीडियो एडवर्टाइजमेंट होती है उसमें पुरुषों को दिखाया जाता है तथा रसोई से संबंधित सामान का एडवर्टाइजमेंट होता है तो उसमें महिलाओं को दिखाया जाता है जोकि सामाजिक दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता हमें जेंडर के बेस पर कोई भी धारणा नहीं बनानी चाहिए

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  102. हमें लड़का और लड़की में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए सबसे पहले हम सभी को इस बारे में अपनी सोच बदलनी होगी हमें लड़का और लड़की दोनों को एक समान दृष्टि से देखना होगा तभी समानता आए गी

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  103. सौंदर्य प्रसाधनों के विज्ञापनों में महिलाओं को दिखाया जाता है।

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  104. We should aware our society and parents

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  105. महिलाओं में भी पुरुषार्थ है।

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  106. षुरुषो को बहादुर एवं विजेता के रूप में प्रदर्शित रुढिवादी अवधारणा है

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  107. पहले की जो बहादुरी से संबंधित एडवर्टाइजमेंट होती थी उनमें पुरुष ही अधिक होते थे। लेकिन अब समय के साथ बदलाव आया है अब ऐसी एडवर्टाइज में महिलाओं को भी लिया जाता है जैसे साक्षी मलिक अनिता कुंडू आदि

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  108. अधिकतर सभी एडवर्टाइजमेंट में महिलाओं को खाना बनाने वाली या साफ सफाई करने वाली में भी दिखाया जाता है यह एक गलत सोच है जो यह दर्शाता है कि यह काम सिर्फ महिलाओं का है। हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक व बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  109. We should aware society and parents

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  110. With the help by internet and other useful technical experiment

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  111. सौंदर्य प्रसाधनों के विज्ञापनों में महिलाओं को दिखाया जाना तथा जांबाजी के विज्ञापनों में पुरूषों को दिखाया जाना जेंडर रूढ़ि का उदाहरण है।

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  112. बहादुरी वाले विज्ञापनों में पुरुषों का दिखाना जेंडर संबंधी रूढियों को मजबूत करते हैं ।जबकि बहुत सारे दालों व मसालों के विज्ञापनों में पुरुष सैफ का दिखाया जाना जेंडर के अनुकूल है ।जेंडर के आधार पर भेदभाव करना हमारी सबसे बड़ी मूर्खता है ।समाज व राष्ट्र को ऊंचा उठाने के लिए सभी को समान अवसर मिलने चाहिए।

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  113. हमें अंतराल को मिटाने के लिए समाज के रूढ़िवादी विचारधारा को बदलने के साथ-साथ माता पिता को इस संबंध में शिक्षक होने के नाते बहुत सटीक वह बच्चों के हित की बातें बतानी पड़ेगी।

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  114. लड़का लड़की एक समान

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  115. We should aware the society about the gender equity and rights both men and women fights with same strength

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  116. जेंडर के आधार पर कार्यों का बंटवारा प्राचीन सोच है। जो धीरे धीरे बदल रही है ।वर्तमान युग में ऐसी सोच अज्ञानता और मूर्खता है।

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  117. जेंडर के आधार पर समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। अधिकतर विज्ञापन स्त्री केंद्रित होते हैं जैसे साबुन,शैम्पू आदि के।

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  118. it is matter of thinking why it does happen.

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  119. लडके और लड़की मे भेदभाव नहीं करना चाहिए

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  120. Gender Mein matbhed vah karte hain jinki apni Soch Chhoti hoti hai isliye Insan ko kabhi bhi apni Chhoti Soch Nahin rakhni chahie aur koi bhi kam gender ke hisab se nahin banaa Har kam Har Insan kar sakta hai bus Ki Soch Badi honi chahie gharelu kam Ek aadami bhi kar sakta hai aur Khet Mein kam Ek lady bhi kar sakti hai Bus Itna Yad Rakhe apni Soch ko bada Banaye aur kisi kam ke Prati e Har Insan ko karne ke liye taiyar Rahana chahie

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  121. लिन्ग के आधार पर समाज की सोच.मे परिवर्तन जरुरी है

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  122. भारतीय समाज में घर में बेटा पैदा होने पर जन्मोत्सव मनाया जाता है जबकि बेटी पैदा होने पर ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता है भारतीय समाज में जेंडर संबंधी विषमता बहुत अधिक पाई जाती है हमें इस प्रकार के व्यवहार व विचार को त्याग कर एक नए दृष्टिकोण में नई सोच को विकसित करना चाहिए

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  123. We can change other's thinking by Internet

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  124. There should be change in the Society about gender

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  125. रुढ़िवादी इस भावना को बदलने की सुरूआत हमे अपने घर से ही करनी होगी हम अपने घरो में भी यही सब तो कर रहे

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  126. We should aware society and parents.

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  127. ऐड तो सिर्फ ऐड ही है बाकी घरों में बहुत से उदाहरण मिल जाएंगे ।जैसे गाँवो में लड़की की पढ़ाई को लेकर कह देते है कि दसवीं तो कर ले बेटा ससुराल में जाकर आंगनवाड़ी में लग जाएगी।।सब के मन में यही अवधारणा रहती है।

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  128. The job which is just considered for women emits traditional thinking which is wrong. As nowadays there are no gender differences. Both men and women can be scientist, pilot etc.

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  129. We should try to change the mentality of our society.

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  130. लड़के और लड़कियां दोनों समान है ऐसा कोई काम नहीं है जो लड़कियां नहीं कर सकती है समाज में काफी वदलाव आया है हमे फोन और मिडिया के द्वारा समाज को और जागरूक करना होगा

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  131. We should try to change the mentality of our society.

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  132. We should aware of the society and parents

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  133. जेंडर के आधार पर समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है।

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  134. We should aware of the society and parents

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  135. लड़की और लड़के को समान अधिकार मिलना चाहिए

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  136. We should aware of the society and parents

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  137. लड़की और लड़के को समान अधिकार मिलना चाहिए

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  138. We should aware about society and every one has same rights

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  139. We should aware about society and every one has same rights

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  140. पुराने समय से ही समाज मे महिलाओ के प्रति जो भी सोच बनी हुई है उसे बदलने की जरूरत है ।

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  141. सौंदर्य आधारित विज्ञापन रूढ़िवादी विचारधारा को दर्शाते हैं जबकि कुछ स्वास्थ्य संबंधी विज्ञापन जेंडर के अनुकूल देखे जा सकते हैं।

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