मॉड्यूल 11 गतिविधि 6: चिंतन बिंदु
मॉड्यूल 11
गतिविधि 6: चिंतन बिंदु
पाठ्यपुस्तक की सहायता
से स्पष्ट करें कि आप अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं (दिव्यांग्जन) आदि का
समावेश कैसे करेंगे ?
चिंतन के लिए कुछ समय
लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
प्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
ReplyDeleteHaji sir
DeleteAgreed
Deleteright ji
Deleteright ji
Delete
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
Right
Deleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों
ReplyDeleteसभी को बराबर महत्व देंगे
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सर्जनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे|
DeleteRight mam
Deleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
Deleteबच्चा जिस प्रकार से समझने में सक्षम हो उस प्रकार के यत्न शिक्षक द्वारा आपेक्षित है
DeleteHow to understand children
Delete
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
Sahi h
ReplyDeleteSahi h
DeleteRight
DeleteSani h
ReplyDelete
Deleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
सभी को समान महत्व देकर
DeleteRight
Deleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं ।
ReplyDelete
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
By telling them stories,showing them documentaries,we can sensitivise children.
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteit is very informative
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteसही है जी
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
ऐसे संवेदनशील मुद्दों को हम वीडियो और ऑडियो की प्रस्तुति, जीवनी आदि प्रस्तुत करके समावेश करेगे।
ReplyDeletePartyek bachche ko uski aavshyaktanusar samavesh krenge
ReplyDeleteTo provide equal chances
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteविशेष आवश्यकता वाले बच्चों का अभिनय करें।
ReplyDeleteTo provied equal chances
ReplyDeleteIt is very informative
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need.
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों, एवं विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteWe will highlight the evils or shortcomings in our social background and aware the students how many evils which were prevalent in our society were abolished and people accepted them.
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षक को निष्पक्ष तरीके से बच्चो के गुणों, अवगुणों को समझने और मूल्यांकन करने में सहायक हैं।
ReplyDeleteClass 7 ki hindi kahani apoorv anubhav ko padate samay hum in teeno chijon ko bachchon ko ek saath samjha sakte h ki kis tarha ek ladki or ladka ek achche dost ho sakte h.ek divyanjan dost ko uski kami mahsoos nahi hone di or usey bagiche me lejakar paryavarn ki sair karayi
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteBy telling them stories,showing them documentaries..we provide every children's equal chances.
ReplyDeleteDepending upon the classroom situation and topic I will integrate various social problems with the chapter and sensitize the students for these .
ReplyDeleteDepending upon the classroom situation and the topic I will integrate various social problems with the chapter and sensitize the students for these problems .
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need.
ReplyDeleteबच्चे की विकलांगता को ध्यान में रखते हुए उसका सहयोग करेंगे व उसमें हीन भावना नहीं आने देगें।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteसभी को समान अवसर उपलब्ध करवाते हैं और विभिन्न महान व्यक्तियों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सभी को समान अवसर प्रदान करेंगे और आसपास के सफल व्यक्तियों की कहानी भी सुना सकते हैं और बेहतर करने के लिए उन को प्रोत्साहित करेंगे। समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियां और अंधविश्वासों को दूर करने का प्रयास करें
ReplyDeleteSahi
Deleteबिलकुल ठीक
Deleteबिलकुल ठीक
Deleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteWe can make coid groups of students while teaching in class so that we can give the mesaage of gender equality.
ReplyDeleteWe can start a programme of tree plantation on birthday of each children.
Equal opportunities should be provided by teacher to special disabled childern of class .
समावेशी शिक्षण द्वारा।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteProvied equal chances
ReplyDeleteबच्चों कि विभिन्नता का ध्यान रखते हुए सामान्य बच्चों के साथ पढाया जाएगा।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need
ReplyDeleteहम प्रत्येक बच्चे को उसकी आवश्यकता के अनुसार शामिल कर लेंगें
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
प्रत्येक विद्यार्थी को उसकी आवश्यकता के अनुसार ही शिक्षण करना
ReplyDeleteYes emotional are basic feature of human behaviour.So every teacher must be attached with every child like his or her parent this is the base of our educational start with related subject.We are the part of a society .we can make a good citizen for our nation .
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need.
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय लड़के और लड़कियों के समूह बनाए जाएं जिनमे लड़के और लड़कियां इकट्ठे हों।इससे जेंडर आधारित समस्याओं का समाधान होगा ।पाठ्य सामग्री को आसपास के वातावरण के साथ जोड़ें।बच्चों को विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के साथ व्यवहार करने और उनकी जरूरतों के बारे में बताएं।ये सभी उदाहरण कक्षा सातवीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक में दी कहानी 'अपूर्व अनुभव' में मिलते हैं।
ReplyDeleteEach and every student should be given chance
ReplyDeleteAll are Equal.
ReplyDeleteकक्षा को छोटे-छोटे समूह में बाटेंगे प्रत्येक समूह में हर योग्यता के बच्चे होंगे फिर उन्हें पाठ्यपुस्तक आधारित गतिविधियों करने को देंगे जिसके माध्यम से सभी मुद्दों का समावेश करने की कोशिश करेंगेl
ReplyDeleteEach student should get to what they deserve as per their physical, mental or financial needs
ReplyDelete021750
ReplyDeleteSaroj Bala
प्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
sbhi bachcho ko pathykram k anusar sman avsar pradan kiye jayenge.
ReplyDeleteकक्षा को छोटे-छोटे समूहों में बाटेंगे प्रत्येक समूह में हर योग्यता के बच्चे होंगे फिर उन्हें पाठ्यपुस्तक आधारित गतिविधियों को करने के लिए देंगे जिसके माध्यम से सभी मुद्दों का समावेश करने की कोशिश करेंगे
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteShikshak ke liye sabhi students ek saman hote hai.Students ke group bna sakte hain jinme boys girls ek sath milker padh sakte hain. Shikshak agar emotionally baccho se attached hai toh wo students ki sari problem apne aap solve ker lenge. Syllabus karwate samay aas paas ke easy example and intersting activities se topic samjha sakte hain. Teachers ka positive attitude hona bahut jaruri hai.
ReplyDeleteअध्यापन प्रक्रिया में एक संवेदनशील शिक्षक समाज द्वारा स्थापित जेंडर के प्रति सोच विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों तथा पर्यावरण आदि संवेदनशील मामलों में सभी बच्चों को सामूहिक रूप से एक साथ लेकर पाठ्यक्रम व पाठ्य पुस्तकों में आई समस्याओं का निराकरण करेंगे शिक्षक यह भी ध्यान रखेंगे की सभी वर्ग के बच्चों की रुचियों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर अधिगम करवाएं।
ReplyDeleteसभी बच्चों को समय-समय पर तथ्य के बारे में जानकारी और आवश्यक सूचना दी जानी चाहिए
ReplyDelete
ReplyDeleteसभी बच्चों को उनके हिसाब से आवश्यक जानकारी और इस विषय में शिक्षा देनी चाहिए
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों, एवं विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteएक शिक्षक को अपनी कक्षा में सभी वर्गो एवं विशेष जरूरत वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास की सोच को ध्यान में रखते हुए शिक्षण करवाना चाहिए।जैसे खेल के समय चाहिए कि जेंडर आधारित सोच को दरकिनार करते हुए लड़के ओर लड़कियों दोनों की बराबर भागीदारी वाले खेल खिलाने चाहिए।
ReplyDeleteAll are equal
ReplyDeleteविविध प्रकार के बच्चों को उनकी सृजनात्मक कौशल व योग्यताओ के अनुसार समावेशित करेंगे।
ReplyDeleteAnil Kumar (1022101)
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
All are equal
ReplyDelete
Deleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
संवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteकक्षा में पाठ्यपुस्तक आधारित गतिविधियां करवाते समय ऐसे समूह बनाए जाएं जिसमें लड़के भी हो और लड़कियां भी हों इससे जेंडर आधारित समस्याओं का समाधान होगा। पाठ्य पुस्तक पढ़ाते समय पाठ को आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़े जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
पाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteby introducing related stories
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need.
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक क्षमताओं के अनुसार समावेशित करके
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteसभी बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करवानी चाहिए और अलग-अलग विचारों को अलग-अलग कक्षा में समायोजित करके बच्चों की प्रतिभा को निकालेंगे
ReplyDeleteएक अध्यापक अध्यापन कार्य पूर्ण करवाते समय पाठ्यपुस्तक के सहयोग व विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों में यह ध्यान रखें की कुछ संवेदनशील मुद्दों जैसे समाज द्वारा उसमें बनाए गए जेंडर के प्रति विचारधारा, पर्यावरण व लिंग वेद तथा सामाजिक असमानता, विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता जैसे मुद्दों का समावेश करके शैक्षणिक कार्य पूर्ण किया जा सकता है।
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे उको सृजनात्मक क्षमता अनुसार विभिन्न विषयों में समावेश करेंगे |
ReplyDeleteWe need use proper teaching way for special child,gender,economical student।
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे उको सृजनात्मक क्षमता अनुसार विभिन्न विषयों में समावेश करेंगे ।
ReplyDeleteAll students are equal. So give the chance to every student.
ReplyDeleteसभी समान हैं।
ReplyDeleteपाठ्यपुस्तक के आधार पर हम कक्षा में विभिन्न आयाम के बच्चों को उनकी कार्यकुशलता एवं उनके जेंडर एवं दिव्यांगता पर ना जा कर उनके साथ समान भागीदारी से कार्य करें जैसे कोई कविता पाठ है तो सभी विद्यार्थियों को समान रूप से शामिल करें उदाहरण स्वरूप जो मॉड्यूल में कविता आई है उसमें हम जरूरी नहीं कि लड़की को ही चिड़िया का रोल करने को दें बल्कि लड़के को भी हम नीली परी चिड़िया बना कर चिड़िया की एक्टिविटी करने को कहें आदि तरीकों से हम संपूर्ण क्लास को एक पाठ्यपुस्तक के आधार पर सम्मिलित कर भाषा शिक्षण एवं विषय अनुरूप पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteTo provide eqall chance
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteProvide equal chances to improve their abilities. Meenu
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteसभी को समान अवसर उपलब्ध करवाते हैं और विभिन्न महान व्यक्तियों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सभी को समान अवसर प्रदान करेंगे और आसपास के सफल व्यक्तियों की कहानी भी सुना सकते हैं और बेहतर करने के लिए उन को प्रोत्साहित करेंगे। समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियां और अंधविश्वासों को दूर करने का प्रयास करें
ReplyDeleteपाठ्यक्रम मे दिए गए विषयो पर व्यखान देकर एवं उदहारण देकर, बच्चो के परिवेश से ही उदाहरण देकर उन्हें सामजिक विषयो के बारे मे अवगत करवा सकते है, दिव्यांजन बच्चो को भी वास्तविक परिवेश से रूबरू करवकर विषयो से अवगत करवाया जा सकता है
ReplyDeleteProvide equal chances to improve their abilities
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय लड़के और लड़कियों के समूह बनाए जाएं जिनमे लड़के और लड़कियां इकट्ठे हों।इससे जेंडर आधारित समस्याओं का समाधान होगा ।पाठ्य सामग्री को आसपास के वातावरण के साथ जोड़ें।बच्चों को विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के साथ व्यवहार करने और उनकी जरूरतों के बारे में बताएं।ये सभी उदाहरण कक्षा सातवीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक में दी कहानी 'अपूर्व अनुभव' में मिलते हैं।
ReplyDeleteIt will be integrated according to the situation and topic.
ReplyDeleteIn our curriculum their are lots of stress on equality and problem we are facing today
ReplyDeleteRights and duties taught during class room
First page of ncert book start with constitutional oath
Creativity in all students
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
ReplyDeleteअध्यापन प्रक्रिया में एक संवेदनशील शिक्षक समाज द्वारा स्थापित जेंडर के प्रति सोच विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों तथा पर्यावरण आदि संवेदनशील मामलों में सभी बच्चों को सामूहिक रूप से एक साथ लेकर पाठ्यक्रम व पाठ्य पुस्तकों में आई समस्याओं का निराकरण करेंगे शिक्षक यह भी ध्यान रखेंगे की सभी वर्ग के बच्चों की रुचियों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर अधिगम करवाएं।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteहम प्रत्येक बच्चे को उसकी आवश्यकता के अनुसार ढाल लेंगे स्वेदन शीलता एक बहुत ही प्रमुख मुद्दा है
ReplyDeleteगतिविधि आधारित शिक्षण करवाते हुए यह सुनिश्चित करना कि बच्चों को उनकी क्षमतानुसार कार्य/रोल/भागीदारी दी जाए।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों
ReplyDeleteIt is very important information
ReplyDeleteविद्यार्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य देकर और उन्हें उस कार्य में प्रोत्साहित करके कि आप इस में सक्षम हैं कर सकते हैं या अन्य दिव्यांगों की कहानियां सुना सुना कर बच्चों में हौसला अफजाई करके भी हम कार्य को बढ़ावा दे सकते हैं
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need.
ReplyDelete
ReplyDeleteहम प्रत्येक बच्चे को उसकी आवश्यकता के अनुसार ढाल लेंगे स्वेदन शीलता एक बहुत ही प्रमुख मुद्दा है
पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय लड़के और लड़कियों के समूह बनाए जाएं जिनमे लड़के और लड़कियां इकट्ठे हों।इससे जेंडर आधारित समस्याओं का समाधान होगा ।पाठ्य सामग्री को आसपास के वातावरण के साथ जोड़ें।बच्चों को विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के साथ व्यवहार करने और उनकी जरूरतों के बारे में बताएं।ये सभी उदाहरण कक्षा सातवीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक में दी कहानी 'अपूर्व अनुभव' में मिलते हैं।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं ।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteऐसे संवेदनशील मुद्दों को हम वीडियो और ऑडियो की प्रस्तुति, जीवनी आदि प्रस्तुत करके समावेश करेगे।
ReplyDeleteStudents learn quickly in their mother language and if described in other languages they learn more quickly
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
We should be careful in every aspects
ReplyDeletepathya pustak bhi ek mukhya sadhan hai sikhne ka.
ReplyDeletejisse prtyek students sikhta hai
पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय लड़के और लड़कियों के समूह बनाए जाएं जिनमे लड़के और लड़कियां इकट्ठे हों।इससे जेंडर आधारित समस्याओं का समाधान होगा ।पाठ्य सामग्री को आसपास के वातावरण के साथ जोड़ें।बच्चों को विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के साथ व्यवहार करने और उनकी जरूरतों के बारे में बताएं।ये सभी उदाहरण कक्षा सातवीं की हिंदी की पाठ्य पुस्तक में दी कहानी 'अपूर्व अनुभव' में मिलते हैं।
ReplyDeleteAccording to their need and interest
ReplyDeleteFirst of all,we should make atmosphere for these topics in the class
All students are equal.So give equal opportunity all students
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteशिक्षार्थी स्वयं करके सीखते है ।
ReplyDeleteएक शिक्षक को अपनी कक्षा में सभी वर्गो एवं विशेष जरूरत वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास की सोच को ध्यान में रखते हुए शिक्षण करवाना चाहिए।जैसे खेल के समय चाहिए कि जेंडर आधारित सोच को दरकिनार करते हुए लड़के ओर लड़कियों दोनों की बराबर भागीदारी वाले खेल खिलाने चाहिए।
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteEach student adjusted according to his need
ReplyDeleteA teacher should be sensitive towards different aspects related to students and he should keep in mind while teaching. Students should be given better opportunity of learning.
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
ReplyDeleteएक शिक्षक को अपनी कक्षा में सभी वर्गो एवं विशेष जरूरत वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास की सोच को ध्यान में रखते हुए शिक्षण करवाना चाहिए।जैसे खेल के समय चाहिए कि जेंडर आधारित सोच को दरकिनार करते हुए लड़के ओर लड़कियों दोनों की बराबर भागीदारी वाले खेल खिलाने चाहिए।पाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सर्जनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे|
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे।
पाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteकक्षा 8 संसाधन एवम विकास का पाठ नम्बे 2 भूमि, मृदा,जल,प्राकर्तिक वनस्पति एवम वन्य जीव संसाधन को पढ़ाते समय पर्यावरण के महत्व को भी समझाया जाएगा
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित प्रॉब्लम सॉल्व होगी। पाठ्य पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteटीचर का रोल अहम हैl अध्यापक की भूमिका कक्षा कक्ष के वातावरण में मिठास घोल सकती हैl कक्षा में किए जा रहे प्रयोगों को सभी प्रकार के बच्चों तक पहुंचाने का कार्य टीचर आसानी से नहीं कर सकताl अध्यापक का आध्यात्मिक स्तर, उसकी सामाजिक व घरेलू अवधारणा क्रियाकलाप को किसी भी दिशा में मोड़ सकती है
ReplyDeleteAll are equal
ReplyDeleteAll are equal.
ReplyDeleteAll are equal
ReplyDeleteसभी बच्चों को समय-समय पर तथ्य के बारे में जानकारी और आवश्यक सूचना दी जानी चाहिए|
ReplyDeleteपाठ्यक्रम के माध्यम से सामाजिक ढाँचे में मौजूद ऐसी रीति रिवाजों पर प्रहार करने की जरूरत है ,जो लिंग भेद को बढ़ावा देते हैं। संवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है
ReplyDeleteBy telling them stories,showing them documentaries,we can sensitivise children.
ReplyDelete
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षक को निष्पक्ष तरीके से बच्चो के गुणों, अवगुणों को समझने और मूल्यांकन करने में सहायक हैं।
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षक को निष्पक्ष तरीके से बच्चो के गुणों, अवगुणों को समझने और मूल्यांकन करने में सहायक हैं।
मानवीय मूल्यों को बढावा दिया दे कर सभी को समान अवसर प्रदान किया है
ReplyDelete
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षक को निष्पक्ष तरीके से बच्चो के गुणों, अवगुणों को समझने और मूल्यांकन करने में सहायक हैं।
बच्चा जिस प्रकार से समझने में सक्षम हो उस प्रकार के यत्न शिक्षक द्वारा आपेक्षित है
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक पढ़ाते समय बच्चों के समूह बनाए जाएं जिसमें लड़कियां भी हो और लड़के भी हों। इससे जेंडर आधारित समस्या हल होगी। दिव्यांग छा पुस्तक पढ़ते समय पाठ को अपने आसपास के वातावरण की स्थितियों से जोड़ें जिससे पर्यावरण का समावेश होगा।
ReplyDeleteTo provide equal chance
ReplyDeleteAccording to situation
ReplyDeleteAll are equall
ReplyDeleteTo Provide Equal Opportunity
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteहर बच्चे को उसकी सृजनात्मक योग्यताओ के अनुसार समावेशीत करेगे ।
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों
ReplyDeleteTo provide equal chance& equal opportunity
ReplyDeletevery good
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी सृजनात्मक योग्यताओं के अनुसार संबोधित करेंगे|
ReplyDelete
ReplyDeleteसंवेनषीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विद्यार्थियों के गुणों, अवगुणों,विशेष योग्यताओ आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में सहायता करती है।
It is very informative
ReplyDelete
ReplyDeleteAccording to abilities and environment.
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उनकी रुचि व सर्जनात्मक योग्यताओं के अनुसार समावेशित करेंगे|
All students are equal. Each student should be given a chance.
ReplyDeleteसवेंदनशीलता शिक्षक को निष्पक्ष तरीके से बच्चो के गुणों, अवगुणों को समझने और मूल्यांकन करने में सहायक हैं।
ReplyDeleteSensitization helps teachers to know understand and evaluate qualities special abilities etc.of their students in an impartial manner
ReplyDeleteIt is very informative
ReplyDeleteसंवेदनशीलता शिक्षकों को निष्पक्ष तरीके से अपने विधार्थियों के गुणों , अवगुणों वह योग्यताओं आदि को जानने, समझने और मूल्यांकन करने में मदद करती है।
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे को उसकी सर्जनात्मक योग्यता के अनुसार समायोजित करेंगे।
ReplyDeleteRight
ReplyDelete