मॉड्यूल 15 गतिविधि 1: अपने बचपन की यादों को साझा करें
मॉड्यूल 15
गतिविधि 1: अपने बचपन की
यादों को
साझा करें
एक
पल रूकें और अपने बचपन के दिनों की यादों के बारे में सोचें।अब एक सुखद और एक दुखद स्मृति की सूची बनाएँ । इसके अलावा, अपने शुरुआती वर्षों में सीखी गई दो कहानियाँ/ कविताएँ साझा करें।
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
good memory consists of all the time spent with parents while bad memory consists of injury suffered during childhood days.
ReplyDeleteAgreed
Deletegood memory with parents, friends, relative and bad memory when i was injured playing with friends
ReplyDeleteAgreed
Deleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeletevery good.
DeleteYes I like it
DeleteThik hai
DeleteGood
DeleteGood
Deleteमेरे बचपन की एक घटना मुझे याद है कि एक बार मुझसे गलती से एक लड़के के हाथ पर प्रकार (Compass) लग गई, मुझे बहुत डर लग रहा था कि मेरे अध्यापक मेरी पिटाई करेंगे क्यूंकि वह लड़का शिकायत करने पहले ही जा चुके थे, क्लास में अध्यापक आए तो मुझे बहुत देर लग रहा था लेकिन सर ने मुझसे आकर बहुत प्यार से पूछा कि बेटा , आपने जानबूझकर मारी है या गलती से लग गई, मैंने सर को बताया कि गलती से लग गई, सर ने कहा कि ध्यान रखा करो, ये ग़लत हुआ है, आगे से ध्यान रखना। तब से मैंने बहुत ध्यान रखा और मुझे टीचर्स से डर लगना भी बन्द हो गया, ओर मैं कक्षा में आगे बैठने लगा। हमारे सर के व्यवहार से मेरा मन स्कूल में लगने लगा और मैं फिर रेगुलर स्कूल में जाने लगा व हर रोज काम करने लगा। अगर उस दिन सर मेरी पिटाई करते तो मैं शायद वही धारणा बनाए रखता की टीचर्स तो पिटाई करने ही स्कूल में आते हैं। लेकिन उस दिन ने बहुत कुछ बदल दिया।।
ReplyDeleteYes
Deletegood memory with parents, friends, relative and bad memory when i was injured playing with friends
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteBest
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteBahut sari baaten hai jo khabhi nahi bhilai ja sakti
Deleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteBest
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता स्वर्णिम दौर था
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता ।
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता स्वर्णिम दौर था
ReplyDeleteMany memories of childhood, which we cannot forget, spend life by remembering them and then tell them to children and then grow up.
ReplyDeleteNice fact.....
Deleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता
Deleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे।
ReplyDeleteमोडी ओर कौआ की कहानियां
ReplyDeleteGood memories with parents and friends
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी शरारत नहीं करते।
ReplyDeleteहमें ऐसा लगता है कि हमने बचपन90% आन्नद लिया ।
वर्तमान में बच्चे 30-35% ही बचपन का आनंद ले पा रहे हैं ।
कोविड काल बच्चों के लिए बचपन का स्वीर्णम् काल बन कर आया है ।
Good memories with parents and friend
ReplyDeleteजब मैं 5 वीं कक्षा में थी | एक दिन अध्यापक ने 10 कठिन शब्द बोले | उनमें से 1 गलत हो गया | अध्यापक ने मुझे बहुत डाटा | उसके बाद मैंने कोई गलती नहीं की | एक बार मैंने जिला स्तर की भाषण प्रतियोगिता जीती थी| ये प्रतियोगिता निजी और सरकार स्कूलों की थी | मैं सरकारी स्कूल में पढ़ती थी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मेरी बहुत प्रशंसा की गई थी कि सरकार स्कूल की छात्रा विजेता रही है |
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteChildhood is golden part of every person. It is time in which we have good memories with parents and friends.
ReplyDeleteGood memories with parents and friends
ReplyDeleteChildhood is golden part of every person. It is time in which we have good memories with parents and friends.
ReplyDeleteबचपन को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता वह एक स्वर्णिम दौर होता है
ReplyDeleteChildhood is unique
ReplyDeleteChildhood is unique and special part of each person.
ReplyDeleteBest
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे।बचपन की यादें स्वर्णिम हैं।
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता
ReplyDeleteSo many memories
ReplyDeleteGood memories and bad memories are hard to foget. They equally effects people. Death of some dear ones and birth of some child in famalies are always remain in memories.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteChildhood memories is very special
ReplyDeleteNice fact..
ReplyDeleteसुखद पल माता -पिता का प्यार व आजादी, दुखद पल बचपन का छिन्न जाना। कविता ऊपर पंखा चलता है,कहानी खरगोश व कछुआ ।
ReplyDeleteआज बचपन की बातें याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी शरारत नहीं करते।बचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteBachpan meinvah samay Khushi ka tha jab teachers hamen appreciate karte the sarahana karte the kam karne ke liye bacchon ki kahaniyan kavitaen sunate the the Jo Aaj Tak bhula nahin paye parantu Kai bar kaksha samay mein to ham khoob injoy karte the parantu jab chot lag jati thi to vah aSahnia Ho jaati thi
ReplyDeleteChildhood is golden part of every person. It is time in which we have good memories with parents and friends.
ReplyDeleteGolden age of life
ReplyDeleteChildhood good or bad memories we never forget.
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता स्वर्णिम दौर था
ReplyDeleteआज बचपन की बातें याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वे बहुत कम भाग दौड व शारीरिक गतिविधि करते है।बचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना। क्रिकेट, फुटबाल व अन्य खेल खेलना आज के बच्चों का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteMany memories of childhood, which we cannot forget, spend life by remembering them and then tell them to children and then grow up.This is a golden opportunity for life.
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteGood memories - playing and enjoying with friends bad memories are not that much worthy to recall
ReplyDeletePoems- local poem by my nana g
Stories- traditional stories by nani g
Both are very opaque in my memories but i can remember i liked them very much
Right
ReplyDeleteAgreed
ReplyDeleteAgreed
ReplyDeleteChildhood is enjoyable and memorable for everyone These best moments never come again in one's life No one can buy those unforgettable memories
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteबचपन की यादों को याद करना ही असम्भव है
ReplyDeletegood memory with parents, friends, relative and bad memory when i was injured playing with friends
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी कहानियां याद आती हैं जिन्हें हम भुला नहीं पाते कुछ अच्छी व कुछ बुरी जिन्हें याद करके जीवन बिता देते हैं
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। हमने अपने बचपन के दिनों में बरसात का खूब लुत्फ उठाया है बारिश में सभी साथियों के साथ नहाना, बारिश के चलते पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना , दिवाली पर सभी का मिलकर दीये जलाना, आज के बच्चे का बचपन कमरे व अपने परिवार तक ही सीमित रह गया है। जो आज़ादी और मौज-मस्ती हमारे समय में थी वो अब कहाँ ?
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। हमने अपने बचपन के दिनों में बरसात का खूब लुत्फ उठाया है बारिश में सभी साथियों के साथ नहाना, बारिश के चलते पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना , दिवाली पर सभी का मिलकर दीये जलाना, आज के बच्चे का बचपन कमरे व अपने परिवार तक ही सीमित रह गया है। जो आज़ादी और मौज-मस्ती हमारे समय में थी वो अब कहाँ ?
ReplyDeleteबचपन में तख्ती पर स्याही से लिखना और बचपन में मछली जल की रानी कविता पढ़ते थे
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteनहीं आता। हमने अपने बचपन के दिनों में बरसात का खूब लुत्फ उठाया है बारिश में सभी साथियों के साथ नहाना, बारिश के चलते पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना , दिवाली पर सभी का मिलकर दीये जलाना, आज के बच्चे का बचपन कमरे व अपने परिवार तक ही सीमित रह गया है। जो आज़ादी और मौज-मस्ती हमारे समय में थी वो अब कहाँ ?
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन की याद ताजा हो गयी आज इस मॉड्यूल की एक्टिविटी के दौरान : जब हमारी माता जी जो कि अध्यापिका थीं खेल खेल में उदहारण दिया करती थी जिससे सीखने का अच्छा मौका मिला और हर कार्य मे आगे रहने की प्रेरणा को बल मिला व हर तरह के एक्सहिबिशन्स और एक्टिविटी में आगे बढ़ कर भाग लिया व हर बार पुरस्कृत हुए और हर नए event में सोचते थे कि कुछ नया करे जो सबसे हटके हो सबसे अच्छा हो और प्रथम स्थान प्राप्त करें
ReplyDeleteGood memories : playing loal games, open green spaces.
ReplyDeleteBad memories : long power cuts, no much resources.
बचपन की यादों को बच्चों के साथ शेयर करना चाहिए
ReplyDeletegood memory with parents, friends, relative and bad memory when i was injured playing with friends
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन मेरे जीवन का सर्वोत्तम भाग है l
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteGood memory with parents,friends and bad memory when I was injured
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteचिडिया उड
ReplyDeleteGood memories for children and parents.
ReplyDeleteGood memories for children and friends.
Deleteमुझे कक्षा पांच तक एक ऐसे अध्यापक का सानिध्य मिला जिसने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
ReplyDeleteवह सुखद समय मै कभी नहीं भूल पाती। परन्तु इसके बाद कोई अध्यापक प्रेरित करने वाला नहीं मिला। यह मेरे लिये सबसे दुखद बात रही।
बचपन से जुड़ी हुई अनेक स्मृतियां होती हैं जो हमें ताउम्र याद रहती हैं जैसे कि दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना
ReplyDeleteकाश वो बचपन के दिन वापिस आ जाए
ReplyDeleteबचपन की यादे भुलाई नहीं जा सकती बचपन की अच्छी यादे आज भी मन में रोमांच भर देती हैं 1 और बुरी यादे मन को दुखी कर जाती है कि काश ऐसा नहीं होता तो कितना अच्छा होता!
ReplyDeleteGood memories with parents and friend
ReplyDeleteबचपन हमारा स्वर्णिम समय होता है
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता स्वर्णिम दौर था
ReplyDeleteएक बार मैं घर से बिना बताए एक बच्चे के साथ कहीं बाहर चला गया और छुट्टी के समय मैं घर पर पहुंचा तो माता-पिता को इस बारे कोई खबर नहीं थी अगले दिन किसी बच्चे ने इसके बारे स्कूल में बताया तो अध्यापक ने मुझे डांटा और मुझे एक नई सीख मिलीl
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता स्वर्णिम दौर था, जो कभी नहीं आएगा।
ReplyDeleteExcellent
ReplyDeleteBy remembering the stories of my childhood, it seems that the children we currently have in comparison can not enjoy even a percent like we have enjoyed the weather in the rainy season like taking a shower
ReplyDeleteबचपन को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता वह एक स्वर्णिम दौर होता है इस स्टेज पर बच्चे के माता-पिता उसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteबच्चे के बचपन को कभी भुलाया नहीं जा सकता है उसके माता-पिता उसका सर्वांगीण विकास करते हैं
ReplyDeleteबचपन की बात करते हैं तो कहानियों का एक बड़ा चलचित्र मन में आ जाता है
ReplyDeletegood memory consists of all the time spent with parents while bad memory consists of injury suffered during childhood days.
ReplyDeleteसुखद पल माता -पिता का प्यार व आजादी, दुखद पल बचपन का छिन्न जाना। कविता ऊपर पंखा चलता है,कहानी खरगोश व कछुआ ।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता वह स्वर्णिम दौर था
ReplyDeleteMany memorable moments like time spent playing and enjoying with friends and family.
ReplyDeleteBad memories should not be recalled.
Poems- THE RIME OF ANCIENT MARINER
MENDING WALLS
Stories- traditional stories told by nani ji.
बचपन में बरसात में खेलना, पानी में कागज की नाव चलाना, साइकिल चलाना।
ReplyDeleteMera bachpan maa k saath, Bhai bahan ka pyar,aur pedo par chadana,miti k ghar banana,khheto me jaana,aur bhi bahut kuch,kul milakar bahut achha bita
ReplyDeleteआज बचपन की बातें याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी शरारत नहीं करते।बचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeletePlaying , studying and spending time with classmates had always been the pleasure and getting low grades in drawing had been the sad moment. Stories- हार की जीत, पत्थर पिघल गया । कविताएं - चींटी और मक्खी , हम बालक हिंदुस्तान के ।
ReplyDeleteI liked the song Bacche man ke sachche . बच्चे मन के सच्चे सा रे जग की आंख के तारे , ये वो नन्हें फूल है जो भगवान को लगते प्यारे I liked the story "The Thirsty Crow " with the Moral -Where there is will There is a way . There are so many Pleasant and Unpleasant childhood memories I am just unable to select one out of these .
ReplyDeleteChildhood is the golden moment.that never comes back.
ReplyDeleteI will share some happy and sad experience based story.
ReplyDeleteAnd I will tell them the story of "The Lion And the Mouse," The Hare and Tortoise " etc.
So many memories
ReplyDeleteWe felt very happy when the teacher gave us sums of math and we compete with one another who would reach out the teacher first.and sad memory when we waste more time in playing and had to face father's anger.
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। यह एक स्वर्णिम दौर होता है इस स्टेज पर बच्चे के माता-पिता उसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। मेरे अध्यापक पिता जी ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
ReplyDeleteGood memory with parents and friends relative playing with friends
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteGood memorable
ReplyDeleteमेरे बचपन की एक कहानी बताता हूँ मै ऒर मेरा मित्र राजेश जून की गर्मियों में घरवालो का कोई समान लेने दुकान पर गए उस समय हमारी उम्र 5 या 6 वर्ष की होगी, हमने देखा कि दुकान में दुकानदार नहीँ है। दुकानदार ने ताजे तरबूज़ लाके रखे थे । राजेश ने हैरानी से कहा तरबूज!!!! मेने कहा उठा ले। हमने एक एक तरबूज उठा के चल दिये थोड़ी दूर चलने के बाद हमने देखा कि सामने से दुकानदार आ रहा है तो हमने तरबूज वही फेंके तरबूज टूट गए औऱ हम वापस भागे दुकानदार से पीछा छुड़वाया।
ReplyDeleteअब दुखद घटना
मैं बच्चों के साथ खेल रहा था एक के पास एक मोटा डंडा था मैने उसका डंडा खोस लिया जब वो अपना डंडा मेरे से छिनने की कोशिश करने लगा तो मैंने जोर से उसके सिर में मारा उसको बहुत खून आने लगा बस फिर क्या था मेरे घरवालों ने दे ग़ुस्से दे लात।
मेरे पिता समझाने में कम और जूते मारने में ज्यादा विश्वास रखते थे।
आजकल के बच्चे बहुत कम शरारत व आनन्द लेते है सारे दिन मोबाइल में घुसे रहते हैं।
Childhood is the golden moment.that never comes back.
ReplyDeleteGood memory with parents,friends and bad memory when I was injured
मुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteBahut sari baaten hai jo khabhi nahi bhilai ja sakti
ReplyDeleteबचपन को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता वह एक स्वर्णिम दौर होता है इस स्टेज पर बच्चे के माता-पिता उसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे।बचपन की यादें स्वर्णिम हैं।
ReplyDeleteGolden age of life that never comes again in our life .
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता ।
ReplyDeleteGolden age of life
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteसुखद पल माता -पिता का प्यार व आजादी, दुखद पल बचपन का छिन्न जाना। कविता ऊपर पंखा चलता है,कहानी खरगोश व कछुआ ।
ReplyDeleteबचपन की यादें हमे अग्रसर करती है
ReplyDeleteबचपन कभी न भूलने वाली यादें हैं।
ReplyDeleteमाता पिता का प्यार भाई बहन का प्यार कभी नहीं भुलाया जा सकता।
मुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,होली के दिनों में कई कई दिन रंग खेलना, भागों से कच्चे आम तोड़ना,खेतों में बेरी से बेर तोड़ कर खाना,तालाब में नहाना, आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDelete
ReplyDeleteMany memories of childhood, which we cannot forget, spend life by remembering them and then tell them to children and then grow up.
बचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeletevery good.
ReplyDeleteबचपन कभी न भूलने वाली यादें हैं।
ReplyDeleteमाता पिता का प्यार भाई बहन का प्यार कभी नहीं भुलाया जा सकता।
द बेस्ट
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी शरारत नहीं करते।
ReplyDeleteहमें ऐसा लगता है कि हमने बचपन90% आन्नद लिया ।
वर्तमान में बच्चे 30-35% ही बचपन का आनंद ले पा रहे हैं ।
कोविड काल बच्चों के लिए बचपन का स्वीर्णम् काल बन कर आया है ।
बचपन की बहुत सी बातें हैं जिनका उल्लेख करना मुश्किल है। उस समय अध्यापकों का बड़ा सम्मान होता था। अध्यापकों को एक गुरु का दर्जा प्रदान था। आज सम्मान भी व्यावसायिक हो गया।
ReplyDeleteबचपन को भुलाया नहीं जा सकता स्वर्णिम दौर था।
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता ।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।दुख की बात ये है कि मुझे लगातार अच्छे गणित अध्यापक नहीं मिले।लेकिन जो मिले उन्होंने अच्छा सहयोग किया।
ReplyDeleteबचपन के प्राकृतिक परिवेश में खेले गये खेल वास्तविक ज्ञान बढाने के साथ साथ शारीरिक विकाश के लिये भी नितांत आवश्यक है
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteChildhood is unique and special part of each person
ReplyDeletegood memory with parents, friends, relative and bad memory when i was injured playing with friends
ReplyDeleteमुझे मेरे बचपन की कहानियां याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी आनंद नहीं उठा पाते जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteबचपन के प्राकृतिक परिवेश में खेले गये खेल वास्तविक ज्ञान बढाने के साथ साथ शारीरिक विकाश के लिये भी नितांत आवश्यक है
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteChildhood is a unique and special part of each person
ReplyDeleteChildhood is a unique and special part of each person
ReplyDelete15, 2020 at 9:36 PM
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
Childhood is golden part of every person. It is time in which we have good memories with parents and friends.
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी कहानियां याद आती हैं जिन्हें हम भुला नहीं पाते कुछ अच्छी व कुछ बुरी जिन्हें याद करके जीवन बिता देते हैं
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे।
ReplyDeleteChildhood is golden part of every person. It is time in which we have good memories with parents and friends.
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteआज बचपन की बातें याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी शरारत नहीं करते।बचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर के हम अपना पूरा जीवन बिता देते हैं
ReplyDeleteYes. I.like it
ReplyDeleteमैं मेरे प्राइमरी अध्यापक श्री राम कुमार जी को कभी नही भूल सकता क्योंकि आज मैं जिस मुकाम पर हूँ सब उन्ही की बदलत है क्योंकि उनके
ReplyDeleteसानिध्य में पढ़कर मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरना मिलती रहेगी
वह सुखद समय मै कभी नहीं भूल पात। परन्तु इसके बाद कोई अध्यापक मुझे इतना प्रेरित करने वाला नहीं मिला।
बचपन में तख्ती लिखना बहुत अच्छा लगता था । मेट लगाकर धूप में सुखाना व कलम स्याही से लिखना बहुत अच्छा अनुभव था ।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है जो मै कभी भुला नहीं सकता। कुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है। यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कभी गलत काम ना करे। कर भला तो हो भला।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी बातें आज भी याद हो जाती हो जो हमने विद्यालय में अपने साथियों के साथ बिताई है। बारिश के दिनों में इकट्ठे हुए पानी को एक दूसरे के ऊपर फेंकना व एक दूसरे की कॉपी में से पेज फाड़ कर नाव बनाकर चलाना और एक दूसरे से अपनी नाव को आगे ले जाने की के लिए पूरा प्रयास करना। आज भी याद आ जाता है ,हमारे गुरुजी जो हमें हर समय अच्छी-अच्छी बातें बता कर हमें संस्कार दिया करते थे ,उनकी बातें बताने का तरीका और अपने अनुभव को जोड़कर हमें बताना आज भी हमें याद है और शायद हम इसे कभी भी ना भूल पाएंगे।
ReplyDeleteहमारा बचपन आज के बचपन से अलग था। हमारे समय में भागदौड़ और शरारातें थी जो अब बेहद कम हो गई है। हमें अपना बचपन ग्रहों के खुले आंगन में खेलना है जबकि आज बच्चे अपना बचपन बंद कमरे में मोबाइल पर बिता रहे हैं । हमने अपने बचपन में नैतिक गुणों को संयुक्त परिवारों और बहुत से बच्चों के बीच रहते हुए प्राप्त किया है जबकि आज के बच्चे एकाकी रह कर इन गुणों से वंचित है।
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है, जो मै कभी भुला नहीं सकता।
ReplyDeleteकुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है।
यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कर भला तो हो भला।
Very good
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर के हम अपना पूरा जीवन बिता देते हैं
ReplyDeletevery good.
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी ऐसी कहानिया है, जो मै कभी भुला नहीं सकता।
ReplyDeleteकुछ खुशी की है तो कुछ दुःख की भी है।
यह बात सच है कि आप किसी का अच्छा करते हैं तो आप का भी अच्छा ही होगा। कर भला तो हो भला।
Memories of childhood we can not forget.
ReplyDeleteबचपन की बहुत सी यादें जो हम भुला नहीं सकते उनको याद कर करके जीवन बिता देते हैं आगे बच्चों को सुनाते हैं और फिर बड़े हो जाते हैं
ReplyDeleteChildhood spent with siblings and parents are more often than not full of good memories. Bad memories are mostly about getting injured.
ReplyDeleteYes I like it
ReplyDelete
ReplyDeletegood memory with parents, friends, relative and bad memory when i was injured playing with friends
Child hood period is the golden period of age.
ReplyDeleteReally unforgettable moments and stories.
आज बचपन की बातें याद करके ऐसा लग रहा है कि हमारे मुकाबले में वर्तमान में जो बच्चे हैं वह एक परसेंट भी शरारत नहीं करते।बचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता। जैसे हमने बारिश के मौसम में मौसम का लुत्फ उठाया है जैसे बारिश में नहाना, रुके हुए पानी में कागज की किश्ती बनाकर चलाना ,तीज के दिनों में झूले झूलना लेकिन आज के बच्चे का बचपन सिर्फ फोन ,टीवी और एक कमरे तक ही सीमित रह गया है।
ReplyDeleteChildhood is a period which is full of memories. Some are good, some are bad.I can't forget when my school principal praised me in morning assembly when I was in class 8.I don't want to recollect any bad memory.
ReplyDeleteIn my childhood my favourite poems were JECK AND JILL and TWINKLE TWINKLE LITTLE STARS.
बचपन के कई मौके ऐसे है जो यदा कदा याद आ ही जाते हैं। चालक लोमड़ी की कहानी,शेर और चूहे की कहानी ऐसे हैं जो अभी तक याद हैं। इसके साथ साथ हम पंछी उन्मुक्त गगन के और पुष्प की अभिलाषा वो कविताएं हैं जो कभी भी विस्मृति में नह8 जाती।
ReplyDeleteGood memory with parents and relatives ,friends.
ReplyDeleteGood memories of childhood are never forgotten
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteबचपन वो स्वर्णिम पल है जो कभी लौटकर नहीं आता
ReplyDeleteVery good thinning
ReplyDelete