मॉड्यूल 18 गतिविधि 5ः परावर्तन
मॉड्यूल 18
गतिविधि 5ः परावर्तन
बाल लैंगिक उत्पीड़न की
रोकथाम में स्कूल कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं?
चिंतन के लिए कुछ समय
लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
मॉड्यूल 18
गतिविधि 5ः परावर्तन
बाल लैंगिक उत्पीड़न की
रोकथाम में स्कूल कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं?
चिंतन के लिए कुछ समय
लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
बाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteशत प्रतिशत सहमत
DeleteYed
DeleteHam bacchon Ko Bal shoshan ke bare mein vistar purvak Bata Kar unke upay Bata Kar Is Tarah Roke tha kar sakte hain.
Deleteबच्चो को लैंगिक के विषय मे बताना,जागरूक करना तथा कानून के विषय मे बताना
DeleteBy understanding in prayer regularly
Deleteबच्चों को जागरूक कर उन्हें सही गलत की जानकारी दे कर। कानून के बारे में उन्हे बताकर उनके साथ विचार-विमर्श करके महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
DeleteYes
DeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
ReplyDeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
DeleteYes
ReplyDeleteYes
Deleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteRight
DeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
DeleteREPLY
Unknown
बच्चों को लैंगिक भेद की जानकारी दी जानी चाहिए ।समय-समय पर उचित मार्गदर्शन देंं
DeleteA teacher should firstly sensitise the students & parents about the harassment & abuses , secondly be alert regarding the students safety and act as a watchman for any abrupt chage in behavior. Teacher should also take help of the counselor available at district levels & regularly should have counseling sessions with the students.
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteबच्चों को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
ReplyDeletePositive thinking
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करके
ReplyDeleteबच्चों को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteSchools can make children aware about such issues.
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteBachho ko iske bare me jagrup katrnge or bachho se hme dost ki trh baat karni chahiye taki we apni smshya bta sake
ReplyDeleteWe should be friendly with children and spread awareness among them regarding such issues.
ReplyDelete1)Organising awareness program related the topic
ReplyDelete2)To recognise the indication of the stricken children
3) To arrange the CCTV etc very well.
4)To encourage them not to be afraid of the situation.
5) to make an atmosphere of positive and healthy discussion.
6)to assure them not to expose their confidentiality
जागरूकता सतर्कता व सही समय पर दिया निर्देशन इस विषय की जटिलता को सुगम व सुरक्षित माहौल बनाने में सहयोगी हो सकता है व विषय पर खुलकर चर्चा करना भी इसका प्रयोगात्मक पहलू है।
ReplyDeleteRight
Deleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteSpread the knowledge of this matter among our students.
ReplyDeleteRight
Deleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteजागरूकता सतर्कता व सही समय पर दिया निर्देशन इस विषय की जटिलता को सुगम व सुरक्षित माहौल बनाने में सहयोगी हो सकता है व विषय पर खुलकर चर्चा करना भी इसका प्रयोगात्मक पहलू है।
ReplyDeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteस्कूली वातावरण छात्रों में सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न करके जागरूकता के माध्यम से उन्हें बाल शोषण से मुक्त किया जा सकता है
ReplyDeleteA teacher should firstly sensitise the students & parents about the harassment & abuses , secondly be alert regarding the students safety and act as a watchman for any abrupt chage in behavior. Teacher should also take help of the counselor available at district levels & regularly should have counseling sessions with the students.
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों के साथ healthy,friendly environment maintain करना ताकि बच्चे freely अपनी समस्या teacher के साथ discuss कर सकें. साथ ही बच्चों को भी इस बारे में aware करना जरूरी है.
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वे बेझिझक अपनी बात सामने रखते हैं
ReplyDeleteSpread the matter of the student be frankly
ReplyDeleteHealthy discussion, healthy platform for one to one queries, including SMC to spread awareness.
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteबाल लैंगिक भेद करवाना चाहिए। जानकारी देनी चाहिए। अच्छे बुरे का ज्ञान कराना चाहिए ताकि बच्चे अपनी बात बेझिझक सांझा कर सके।
ReplyDeleteक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteRight
DeleteRight
Deleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए
ReplyDeleteHealthy discussion must be with children
ReplyDeleteबच्चों को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic.
ReplyDeleteHealthy discussion to spread awareness
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDelete1)Organising awareness program related the topic
ReplyDelete2)To recognise the indication of the stricken children
3) To arrange the CCTV etc very well.
4)To encourage them not to be afraid of the situation.
5) to make an atmosphere of positive and healthy discussion.
6)to assure them not to expose their
Right
Deleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें
ReplyDeleteHealthy discussion should be done.Friendly atmosphere given.Samay samay par lengik bhedo ke baare me batana.
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteHealthy discussion, healthy platform for one to one queries, including SMC to spread awareness.
ReplyDeleteteacher must first warn students and parents about harassment and abuses, second, be alert to the safety of students and act like a watchman for any sudden change in behavior. The teacher should enlist the help of a consultant available at the district level and have regular counseling sessions with the students.
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए।इस विषय पर उनसे healthy language में बात करनी चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों की जानकारी बच्चों को देनी चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए । उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।समय समय पर स्कूलों में इस विषय पर सेमिनार करवाया जा सकता है।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करना चाहिए
ReplyDeleteBy creating special awareness program for all the stake holders.
ReplyDeleteHealthy discussion and friendly atmosphere is helpful.
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद की जानकारी देनी चाहिए। बच्चों के साथ समय समय पर विचार विमर्श करना चाहिए तथा पास्को एक्ट के प्रति जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की जानकारी दी जानी चाहिए।
ReplyDeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
ReplyDeleteजागरूकता अभियान चलाना चाहिए
ReplyDeleteबाल उत्पीड़न से बचाव के लिए एक अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका है
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeletehealthy discussion and
ReplyDeleteA teacher should firstly sensitise the students & parents about the harassment & abuses , secondly be alert regarding the students safety and act as a watchman for any abrupt chage in behavior. Teacher should also take help of the counselor available at district levels & regularly should have counseling sessions with the students.
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें।
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पेटीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए
ReplyDeleteपाठ्यक्रम में लैंगिक समानता के ज्यादा से ज्यादा टॉपिक रखे जाएं ।
ReplyDeleteवैज्ञानिक सोच वाली पाठ्यवस्तु पाठ्यक्रम में होनी चाहिए
पाठ्यक्रम में लैंगिक समानता के ज्यादा से ज्यादा टॉपिक रखे जाएं ।
ReplyDeleteवैज्ञानिक सोच वाली पाठ्यवस्तु पाठ्यक्रम में होनी चाहिए
बच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteSchools can make children aware about such issues.
ReplyDeleteबच्चे को समय के अनुसार लैंगिक विषयों की जानकारी होनी चाहिए
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करके व उनके कानूनों के अधिकारों की जानकारी देकर
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पटीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteWe should be friendly with children.
ReplyDeleteहमें बच्चों में इसके प्रति जागरुकता पैदा करनी चाहिए व बच्चों में डर भय झिझक दूर करके।
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए ।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पेटीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteएक अध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को Good Touch और Bad Touch के बारे में बताए। बच्चों को लैंगिकता की शिक्षा के माध्यम से उचित आयु के हिसाब से यौन शिक्षा से परिचय करवाएं। तीन वर्ष की आयु से बच्चों को अपने निजी भागों के सही नामों को सिखाया जाना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि वहां छूने की अनुमति किसी को भी नहीं है। अगर कोई जबरन उन्हें छूता है, तो बच्चे को तुरंत आपको बताने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बच्चों में हिम्मत से सामना करने योग्य बनाएं।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना बच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद की जानकारी देनी चाहिए। बच्चों के साथ समय समय पर विचार विमर्श करना चाहिए तथा पास्को एक्ट के प्रति जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की जानकारी दी जानी चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDelete1)Organising awareness program related the topic
ReplyDelete2)To recognise the indication of the stricken children
3) To arrange the CCTV etc very well.
4)To encourage them not to be afraid of the situation.
5) to make an atmosphere of positive and healthy discussion.
6)to assure them not to expose their confidentiality
बच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteA teacher must first warn students and parents about harassment and abuses, second, be alert to the safety of students and act like a watchman for any sudden change in behavior. The teacher should enlist the help of a consultant available at the district level and have regular counseling sessions with the students.
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच और bad touch के बारे में जागरूक करना चाहिए
ReplyDeleteबच्चों को इस बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteसबसे पहले बच्चों को जागरूक करें कि अगर कोई भी आपके साथ कुछ गलत करता है तो इसके लिए आप दोषी नहीं हो।दोषी वह है जिसने आपके साथ गलत किया है।बच्चों को1098 के बारे मेंं बताएं।कार्टून फिल्मों द्वारा उन्हें गुड टच व बेड टच के बारे मेंं समझाएं।माता- पिता से हर बात शेयर करें चाहें आपने कुछ गलत किया हो या नहीं।वे आपका सदैव साथ देंगेंं।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteYes
ReplyDeleteBachon ko frank bna do or rights bta do
ReplyDeleteSpread the knowledge of this matter among our students
ReplyDeleteA teacher should firstly sensitise the students & parents about the harassment & abuses , secondly be alert regarding the students safety and act as a watchman for any abrupt chage in behavior. Teacher should also take help of the counselor available at district levels & regularly should have counseling sessions with the students
ReplyDeleteWe should be friendly with children and spread awareness among them regarding such issues.
ReplyDeleteBe frank with children.A healthy discussion must be with the children.
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDelete5:34 AM
ReplyDeleteA teacher should firstly sensitise the students & parents about the harassment & abuses , secondly be alert regarding the students safety and act as a watchman for any abrupt chage in behavior. Teacher should also take help of the counselor available at district levels & regularly should have counseling sessions with the students
बाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए।...... महावीर सुलानका
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वे बेझिझक अपनी बात सामने रखते हैं
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वे बेझिझक अपनी बात सामने रखते हैं।
ReplyDeleteBy frank with children
ReplyDeleteBY AWARING THEM BAD TOUCH AND GOOD TOUCH
ReplyDeleteIn school campas orgnize camp time to time and seminar
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteREPLY
Manoj kumar sharma
बच्चों को हमें पोस्को एक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देनी चाहिए ताकि बच्चे अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वे बेझिझक अपनी बात सामने रखते हैं
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteBe Frank with children . healthy discussion must be with the children
ReplyDeleteबच्चे को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में समय-समय पर बताना चाहिए बच्चे के व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए यदि अध्यापक को ऐसा लगता है कि कुछ समय से बच्चा उदास है तो उसे प्यार से विश्वास में लेकर उससे पूछना चाहिए कि क्या कारण है और उसकी मदद करनी चाहिए
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteA teacher should firstly sensitise the students & parents about the harassment & abuses , secondly be alert regarding the students safety and act as a watchman for any abrupt chage in behavior. Teacher should also take help of the counselor available at district levels & regularly should have counseling sessions with the students.
ReplyDeleteWe must aware students and parents
ReplyDeleteShould be friendly with students while discussing about these things so that they can understand it properly
ReplyDeleteBy educating the kids about sex education and training them to view the faults in society
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteसतत् तत्परता व जागरुकता से|
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteBy making the students adequately aware and By addressing their querries and complaints sympathetically and patiently .
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteजागरूकता सतर्कता व सही समय पर दिया निर्देशन इस विषय की जटिलता को सुगम व सुरक्षित माहौल बनाने में सहयोगी हो सकता है व विषय पर खुलकर चर्चा करना भी इसका प्रयोगात्मक पहलू है।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करके
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteबच्चो को लैंगिक के विषय मे बताना,जागरूक करना तथा कानून के विषय मे बताना
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteबच्चो के साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाइये।।
ReplyDeleteबच्चों को लैंगिक भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वो बेझिझक अपनी बात हमारे सामने रख सकें।
ReplyDeleteछात्रो को सेक्स शिक्षा कि सही जानकारी देनी चाहिए ताकि वो जागरूक हो सके
ReplyDeleteYes
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteअच्छा बरताव करे
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक करके
ReplyDeleteIt the duty of the trachers as well as the management to talk with students from time to time and aware them about children exploitations if it is possible to arrange social activist who are famous for awaring children and arrange his/lecture about this problem that has deeply rooted in our society.
ReplyDeletethe students are innocent and they don't know about good and bad activities properlythe teacher should behave friendly and his should be frank with students teacher should create a friendly environment and tell the students about good and bad touch and make a a positive and healthy thinking students the awareness and as D and positive discussion among students penstock all type of child harassment because in rural areas students are are shame full and ID from their parents and family e members and also with teachers.
ReplyDeleteSchools can make children aware about such issues
ReplyDeleteछात्रों को पोस्को एक्ट के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। छात्रों के व्यवहार में बदलाव पर मां-बाप व अन्य साथियों से चर्चा करनी चाहिए। छात्रों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए ताकि बच्चे अपनी बात निसंकोच रख सकें।
ReplyDeleteबाल यौन अपराध के विषय में समय-समय पर बच्चों से बात करती रहनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्हें कार्टून फिल्म इत्यादि दिखाएं। उन्हें 1098 के बारे में बताएं। निसंकोच बात करने के अवसर दें। अपने विद्यालय में सुझाव पर टीका लगवाएं ताकि संकोची बच्चे इसमें अपनी समस्या बता सकें।
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर उन्हें सही गलत की जानकारी दे कर। कानून के बारे में उन्हे बताकर उनके साथ विचार-विमर्श करके महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर उन्हें सही गलत की जानकारी दे कर। कानून के बारे में उन्हे बताकर उनके साथ विचार-विमर्श करके महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
ReplyDeleteस्कूल वह मंच है जहां से बच्चे अपने बचपन की नींव रखता है और समाज व परिवार से जुड़ता है इस मंच से अगर बच्चे को जागरूक किया जाए तो शोषण उत्पीड़न की बहुत सी समस्याओं का निदान किया जा सकता है
ReplyDeleteएक शिक्षक को सबसे पहले उत्पीड़न और गालियों के बारे में छात्रों और अभिभावकों को सचेत करना चाहिए, दूसरा, छात्रों की सुरक्षा के बारे में सतर्क होना चाहिए और व्यवहार में किसी भी अचानक बदलाव के लिए चौकीदार की तरह काम करना चाहिए। शिक्षक को जिला स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाता की सहायता लेनी चाहिए और नियमित रूप से छात्रों के साथ परामर्श सत्र होना चाहिए।
ReplyDeleteइस समस्या में स्कूल छात्रो को,अभिभावकों को तथा स्वयं जागरूक रह कर समाधान पा सकता है ।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर उन्हें सही गलत की जानकारी दे कर। कानून के बारे में उन्हे बताकर उनके साथ विचार-विमर्श करके महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
ReplyDeleteYes
ReplyDeleteबच्चों को लिंग भेद के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनसे इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए ताकि वे बेझिझक अपनी बात सामने रखते हैं।
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर उन्हें सही गलत की जानकारी दे कर। कानून के बारे में उन्हे बताकर उनके साथ विचार-विमर्श करके महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
ReplyDeleteबाल लैंगिक के बारे में बच्चों को जागरूक करना चाहिए और इसके दुष्प्रभाव और भारत में जो कानून बनाए गए हैं उसके बारे में उनसे विचार विमर्श करना चाहिए
ReplyDeleteTeacher should encourage a healthy discussion and give a clear picture about the topic
ReplyDelete